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द्रवीभूत
Meanings: 5; in Dictionaries: 4
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touched
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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stirred
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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moved
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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affected
Meanings: 5; in Dictionaries: 4
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liquefied phenol
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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liquefied gas system
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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liquefactive necrosis
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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liquified petroleum gas
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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molten
Meanings: 5; in Dictionaries: 3
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condensed
Meanings: 11; in Dictionaries: 6
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दिल उमड़ना
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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डोळ्यांत पंचप्राण उभे राहणें
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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liquefied
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तरलता
Meanings: 14; in Dictionaries: 7
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धर्मसिंधु - साधारणपरिभाषा
हिंदूंचे ऐहिक, धार्मिक, नैतिक अशा विषयात नियंत्रण करावे आणि त्यांना इह-परलोकी सुखाची प्राप्ती व्हावी ह्याच अत्यंत उदात्त हेतूने प्रेरित होउन श्री. काशीनाथशास्त्री उपाध्याय यांनी ’धर्मसिंधु’ हा ग्रंथ रचला आहे.
This 'Dharmasindhu' grantha was written by Pt. Kashinathashastree Upadhyay, in the year 1790-91.
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gas
Meanings: 61; in Dictionaries: 18
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सत्ताइसवाँ पटल - मंत्रयोगार्थनिर्णयकथन
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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द्रव
Meanings: 56; in Dictionaries: 10
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प्राणवहस्त्रोतस् - पार्श्वशूल
धर्म, अर्थ, काम आणि मोक्ष या चतुर्विध पुरूषार्थांच्या प्राप्तीकरितां आरोग्य हे अत्यंत आवश्यक असते.
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अध्याय ७६ वा - श्लोक १ ते ५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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अध्याय १६ वा - श्लोक १ ते ४
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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अध्याय ४९ वा - श्लोक ११ ते १५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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अध्याय ९० वा - श्लोक १६ ते २०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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अध्याय ३९ वा - श्लोक ५१ ते ५७
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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श्रीरामचंद्रयोगींचा शिष्यपरिवार
श्रीपतिनाथ विरचित श्रीसिद्धचरित्र ग्रंथ शके १८०५ (इ.स.१८८३) मध्ये लिहीला.
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अध्याय १ ला - श्लोक ५६ ते ६०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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श्रीविष्णुपुराण - तृतीय अंश - अध्याय १२
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है, वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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move
Meanings: 58; in Dictionaries: 8
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चाणक्यनीति - अध्याय १५
आर्य चाणक्य अपने चाणक्य नीति ग्रंथमे आदर्श जीवन मुल्य विस्तारसे प्रकट करते है।
Nitishastra is a treatise on the ideal way of life, and shows Chanakya's in depth study of the Indian way of life.
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इन्द्रद्युम्न
भक्तो और महात्माओंके चरित्र मनन करनेसे हृदयमे पवित्र भावोंकी स्फूर्ति होती है ।
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श्री गणेश प्रताप - क्रीडाखंड अध्याय ८
सर्व कीर्तीने युक्त, सर्व देवाधिदेवांमध्ये श्रेष्ठ अशा अत्यंत प्रिय असलेल्या श्रीगजाननाच्या स्तुतीपर हा ग्रंथ आहे.
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श्रीविष्णुपुराण - प्रथम अंश - अध्याय १२
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है,वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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श्रीविष्णुपुराण - चतुर्थ अंश - अध्याय २
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है, वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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भूत
Meanings: 308; in Dictionaries: 12
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उदकवहस्त्रोतस् - उदर
धर्म, अर्थ, काम आणि मोक्ष या चतुर्विध पुरूषार्थांच्या प्राप्तीकरितां आरोग्य हे अत्यंत आवश्यक असते.
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उदकवहस्त्रोतस् - अतिसार
धर्म, अर्थ, काम आणि मोक्ष या चतुर्विध पुरूषार्थांच्या प्राप्तीकरितां आरोग्य हे अत्यंत आवश्यक असते.
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ज्ञानेश्वरी अध्याय २
संत ज्ञानेश्वर (जन्म : १२७५) हे १३ व्या शतकातील प्रसिद्ध मराठी संत आणि कवी आहेत.
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